Friday, October 26, 2007

मेरी कवितायेँ :- इंतज़ार


इंतज़ार तेरा रहेगा मुझको,
सूरज के जल जाने तक !

इंतज़ार तेरा रहेगा मुझको,
गंगा के बह जाने तक !

इंतज़ार तेरा रहेगा मुझको,
हिमालय के गिर जाने तक !

इंतज़ार तेरा रहेगा मुझको,
क़यामत के आ जाने तक !

इन सारी वफाओं के बदले,
दिल मेरा तो कुछ चाहेगा ही !

इंतज़ार तुम मेरा करना,
मेरे लौट के आने तक !!

"भुमिपुत्र "

मेरी कवितायेँ :- यादें

बीती यादों में खोकर के, तेरा प्यार समेटा मैंने !
वो कुछ ही तो मोती बचे हैं, बाकी सब कुछ खाक हुआ है !!

हर एक छोटी बात भी तेरी, एक अदा क़यामत की थी !
तेरी महक अब भी उठती है, बाकी सब कुछ हवा हुआ है !!

मेरे दिल कि हर धड़कन में, तेरी चाहत बसी हुयी थी !
तेरा नाम दिल में लिखा है अब तक, बाकी सब कुछ मिटा हुआ है !!

दिल मी उतरकर अब भी देखो, तुम्हारी यादें बसी है मुझमे!
तेरा चेहरा याद है अब तक, बाकी सब कुछ भुला हुआ है !!

तेरा मेरा ये रिश्ता शायद, तक़दीर को मंजूर नहीं था !
तेरे वादे अब तक जलते हैं, बाकी सब कुछ धुआं हुआ है !!

"भुमिपुत्र "